भोपाल में मध्यप्रदेश सरकार के दूसरे सबसे बड़े सतपुड़ा भवन में सोमवार शाम 4 बजे लगी आग मंगलवार दोपहर 12 बजे तक पूरी तरह बुझाई जा सकी। मंगलवार सुबह 8 बजे तक टीम ने आग पर काबू पा लिया था, लेकिन 6वें फ्लोर से धुआं उठ रहा था। इसी फ्लोर में सुबह 9.25 बजे फिर आग भड़क गई। इससे पहले भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने आग पर पूरी तरह काबू पाने की जानकारी दी थी। सतपुड़ा भवन में संचालित होने वाले सरकारी दफ्तरों की आज छुट्टी घोषित कर दी गई है। मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना को लेकर सीएम हाउस में रिव्यू मीटिंग की। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया, 'सीएम ने जांच के लिए हाई लेवल कमेटी गठित की है। कांग्रेस के आरोपों पर कहा, 'वहां कोई भी ऐसे महत्वपूर्ण दस्तावेज नहीं थे, जो इस तरह का काम किया जाए। कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद है। 4000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते थे, कोई इस तरह की साजिश क्यों करेगा।'
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'डिजिटल युग में दस्तावेज नष्ट करना संभव नहीं है। थोड़ा समय लगेगा, लेकिन जल्द पूरा बैकअप क्रिएट कर लिया जाएगा। आज शाम से वैकल्पिक दफ्तर शुरू हो जाएंगे। कल से कर्मचारी काम शुरू कर देंगे। कांग्रेस के आरोप पर बोले- कैसे कोई पेट्रोल-केरोसिन ले जाएगा। कांग्रेस हादसों पर राजनीति करती है।'
जांच टीम बोली, अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर गठित अफसरों की टीम भी सतपुड़ा भवन में जांच के लिए पहुंची। जांच दल के सदस्य ACS होम राजेश राजौरा ने कहा, 'प्रारंभिक जायजा लिया है। अभी आग लगने के कारणों पर कुछ कहना जल्दबाजी होगा।' भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है, 'हमारी प्राथमिकता थी कि कोई जनहानि न हो और आसपास के इलाकों में आग न फैले। मुख्यमंत्री ने पूरे समय इस घटना की मॉनिटरिंग की। केंद्र सरकार से आर्मी की भी मदद ली गई। सभी एजेंसीज - आर्मी, CISF, भेल, एयरपोर्ट अथॉरिटी के प्रयासों से आग काबू में है।'
सेना के 100 जवान और 4 फायर फाइटर आईं
सतपुड़ा भवन के पश्चिमी ब्लॉक की तीसरी मंजिल पर संचालित आदिम जाति विभाग के दफ्तर से शुरू हुई आग के चौथी, पांचवीं और छठवीं मंजिल तक पहुंचने के बाद सरकार ने सेना और एयरफोर्स की मदद मांगी। सोमवार रात करीब 9 बजे सेना के 10 ट्रक से लगभग 100 जवान 4 फायर फाइटरों के साथ आग बुझाने में जुट गए। तेजी से बढ़ रही आग को काबू करने बिल्डिंग में अलग-अलग दिशा से सेना के जवानों ने नगर निगम और पुलिस प्रशासन की दमकलों से पानी का छिड़काव किया। करीब 50 वाहन, पानी के 500 से अधिक टैंकर आग बुझाने में जुटे रहे।
आग बुझाने की कोशिशें नाकाम होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देर रात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से एयरफोर्स की मदद मांगी। एयरफोर्स के दो अफसर और 5 जवानों ने सतपुड़ा भवन की लोकेशन-पोजीशन रिपोर्ट तैयार की। एयरफोर्स के अफसर यहां रात करीब 3 बजे तक रुके। रात में ही AN 32 विमान और MI-15 हेलिकॉप्टर आने वाले थे, लेकिन हेलिकॉप्टर नहीं आए।
12 हजार से ज्यादा फाइल्स जलकर राख हुईं
सरकार का अनुमान है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी और एसी के कंप्रेसर में ब्लास्ट होने से फैलती गई। पूरे ऑफिस में 30 से ज्यादा एसी कंप्रेसर में ब्लास्ट हुए हैं। आग बिल्डिंग की तीसरी मंजिल से शुरू हुई और छठी मंजिल तक पहुंच गई थी। जब आग लगी, तब बिल्डिंग में करीब 1000 लोग थे। भगदड़ में कई लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि इन 4 मंजिलों में रखी 12 हजार से ज्यादा फाइलें खाक हो चुकी हैं। इनमें ज्यादातर फाइलें चिकित्सा विभाग से संबंधित थीं। सोमवार रात गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
अब जानिए जिन फ्लोर में आग लगी, वहां कौन से दफ्तर हैं
सतपुड़ा भवन में आग सबसे पहले थर्ड फ्लोर पर लगी। इस फ्लोर पर अनुसूचित जनजाति क्षेत्रीय विकास योजना का दफ्तर है। यहां से आग चौथे, पांचवें और छठे फ्लोर तक पहुंची। इन तीनों फ्लोर पर स्वास्थ्य संचालनालय के दफ्तर हैं।
सतपुड़ा भवन में लगी आग पर 20 घंटे बाद काबू:यहां के सभी दफ्तरों में आज अवकाश रहेगा; CM ने हाई लेवल जांच कमेटी गठित की
भोपाल में मध्यप्रदेश सरकार के दूसरे सबसे बड़े सतपुड़ा भवन में सोमवार शाम 4 बजे लगी आग मंगलवार दोपहर 12 बजे तक पूरी तरह बुझाई जा सकी। मंगलवार सुबह 8 बजे तक टीम ने आग पर काबू पा लिया था, लेकिन 6वें फ्लोर से धुआं उठ रहा था। इसी फ्लोर में सुबह 9.25 बजे फिर आग भड़क गई। इससे पहले भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ने आग पर पूरी तरह काबू पाने की जानकारी दी थी। सतपुड़ा भवन में संचालित होने वाले सरकारी दफ्तरों की आज छुट्टी घोषित कर दी गई है। मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना को लेकर सीएम हाउस में रिव्यू मीटिंग की। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया, 'सीएम ने जांच के लिए हाई लेवल कमेटी गठित की है। कांग्रेस के आरोपों पर कहा, 'वहां कोई भी ऐसे महत्वपूर्ण दस्तावेज नहीं थे, जो इस तरह का काम किया जाए। कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद है। 4000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते थे, कोई इस तरह की साजिश क्यों करेगा।' गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 'डिजिटल युग में दस्तावेज नष्ट करना संभव नहीं है। थोड़ा समय लगेगा, लेकिन जल्द पूरा बैकअप क्रिएट कर लिया जाएगा। आज शाम से वैकल्पिक दफ्तर शुरू हो जाएंगे। कल से कर्मचारी काम शुरू कर देंगे। कांग्रेस के आरोप पर बोले- कैसे कोई पेट्रोल-केरोसिन ले जाएगा। कांग्रेस हादसों पर राजनीति करती है।' रात 8 बजे तीसरे, चौथे और पांचवें माले पर लगी आग को काबू करने का दावा किया गया। हालांकि, इस समय छठे फ्लोर से उठतीं आग की लपटें दूर से ही दिखाई दे रही थी।
जांच टीम बोली, अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर गठित अफसरों की टीम भी सतपुड़ा भवन में जांच के लिए पहुंची। जांच दल के सदस्य ACS होम राजेश राजौरा ने कहा, 'प्रारंभिक जायजा लिया है। अभी आग लगने के कारणों पर कुछ कहना जल्दबाजी होगा।' भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है, 'हमारी प्राथमिकता थी कि कोई जनहानि न हो और आसपास के इलाकों में आग न फैले। मुख्यमंत्री ने पूरे समय इस घटना की मॉनिटरिंग की। केंद्र सरकार से आर्मी की भी मदद ली गई। सभी एजेंसीज - आर्मी, CISF, भेल, एयरपोर्ट अथॉरिटी के प्रयासों से आग काबू में है।'
सेना के 100 जवान और 4 फायर फाइटर आईं
सतपुड़ा भवन के पश्चिमी ब्लॉक की तीसरी मंजिल पर संचालित आदिम जाति विभाग के दफ्तर से शुरू हुई आग के चौथी, पांचवीं और छठवीं मंजिल तक पहुंचने के बाद सरकार ने सेना और एयरफोर्स की मदद मांगी। सोमवार रात करीब 9 बजे सेना के 10 ट्रक से लगभग 100 जवान 4 फायर फाइटरों के साथ आग बुझाने में जुट गए। तेजी से बढ़ रही आग को काबू करने बिल्डिंग में अलग-अलग दिशा से सेना के जवानों ने नगर निगम और पुलिस प्रशासन की दमकलों से पानी का छिड़काव किया। करीब 50 वाहन, पानी के 500 से अधिक टैंकर आग बुझाने में जुटे रहे। आग बुझाने की कोशिशें नाकाम होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देर रात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से एयरफोर्स की मदद मांगी। एयरफोर्स के दो अफसर और 5 जवानों ने सतपुड़ा भवन की लोकेशन-पोजीशन रिपोर्ट तैयार की। एयरफोर्स के अफसर यहां रात करीब 3 बजे तक रुके। रात में ही AN 32 विमान और MI-15 हेलिकॉप्टर आने वाले थे, लेकिन हेलिकॉप्टर नहीं आए।
सतपुड़ा भवन में लगी आग को बुझाने में दमकल की करीब 50 गाड़ियां लगी रहीं। SDERF और CISF की टीम भी मौके पर पहुंची।
12 हजार से ज्यादा फाइल्स जलकर राख हुईं
सरकार का अनुमान है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी और एसी के कंप्रेसर में ब्लास्ट होने से फैलती गई। पूरे ऑफिस में 30 से ज्यादा एसी कंप्रेसर में ब्लास्ट हुए हैं। आग बिल्डिंग की तीसरी मंजिल से शुरू हुई और छठी मंजिल तक पहुंच गई थी। जब आग लगी, तब बिल्डिंग में करीब 1000 लोग थे। भगदड़ में कई लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि इन 4 मंजिलों में रखी 12 हजार से ज्यादा फाइलें खाक हो चुकी हैं। इनमें ज्यादातर फाइलें चिकित्सा विभाग से संबंधित थीं। सोमवार रात गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
अब जानिए जिन फ्लोर में आग लगी, वहां कौन से दफ्तर हैं
सतपुड़ा भवन में आग सबसे पहले थर्ड फ्लोर पर लगी। इस फ्लोर पर अनुसूचित जनजाति क्षेत्रीय विकास योजना का दफ्तर है। यहां से आग चौथे, पांचवें और छठे फ्लोर तक पहुंची। इन तीनों फ्लोर पर स्वास्थ्य संचालनालय के दफ्तर हैं।
तीसरी मंजिल पर आग लगी छठी मंजिल तक पहुंच गई।
पुराने फर्नीचर और कागजों से भड़की आग
स्वास्थ्य विभाग में कुछ महीनों पहले इंटीरियर डेकोरेशन और रेनोवेशन का काम कराया गया था। इस दौरान बड़े पैमाने पर लकड़ी की पुरानी अलमारी और दूसरे फर्नीचर निकाले गए थे, जो स्वास्थ्य संचालनालय में ही रखे थे। आग लकड़ी के इस वेस्ट मटेरियल तक पहुंच गई। इस वजह से दमकल कर्मियों को आग बुझाने में मशक्कत करनी पड़ी।
कांग्रेस ने जताई साजिश की आशंका
कांग्रेस ने सतपुड़ा भवन में लगी आग के पीछे साजिश की आशंका जताई है। पूर्व मंत्री अरुण सुभाष यादव ने ट्वीट कर कहा- आग के बहाने घोटालों के दस्तावेज जलाने की साजिश तो नहीं।
पीसी शर्मा ने कहा- सरकार की चला-चली की बेला
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि किसी भी राज्य में चुनाव से पहले सरकारी रिकॉर्ड भवन में अगर आग लग जाए, तो समझो सरकार गई। गुनाह मिटा दिए गए। शिवराज जी और उनकी सरकार की चला चली की बेला है…। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा- मैंने 15 दिन पहले ही इसकी आशंका जाहिर की थी कि सरकारी दफ्तरों में आग लगने का अभियान शुरू होगा। आम आदमी पार्टी के अतुल शर्मा ने कहा है कि सतपुड़ा भवन में लगी आग से सवाल खड़े हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि आग लगी या लगाई गई है। सरकार के जाने से पहले सारी गड़बड़ियों और घोटालों के सबूत मिटा दिए गए है।
BJP ने कहा- कांग्रेस राजनीति कर रही
सतपुड़ा भवन में आग को लेकर बयानबाजी पर BJP के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा- ये गिद्ध रूपी चारित्रिक कांग्रेस है। इसे लाशों पर राजनीति करने में मजा आता है। दुर्घटनावश लगी आग पर मखौल उड़ाने में मजा आता है। ये अपने आप में दुखद है। आग पर काबू पाने के लिए खुद मुख्यमंत्री निगरानी कर रहे हैं। जल्द ही, आग पर काबू पा लिया जाएगा।
कांग्रेस के आरोप निराधार: स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने कांग्रेस के आरोपों पर कहा कि यह सब बाद में पता चलेगा कि क्या जला है? क्या हुआ है? कांग्रेस के आरोप निराधार हैं। कांग्रेस के लोग कह रहे हैं कि हमें पहले से पता था तो क्या उन्होंने लगवाई है? जो भी है मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों की कमेटी बनाई है। उसकी जांच में सामने आएगा।
सुरक्षा की मांग को लेकर कर्मचारी मंच करेगा प्रदर्शन
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच मंगलवार दोपहर एक बजे सतपुड़ा भवन के पास कर्मचारियों की सुरक्षा, शासकीय कार्यालयों की सुरक्षा और अग्निकांड की न्यायिक जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन करेगा। मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।
11 साल पहले भी लगी थी आग
सतपुड़ा भवन की चौथी मंजिल पर 25 जून 2012 को भी आग लगी थी। तब इस फ्लोर पर तकनीकी शिक्षा विभाग का दफ्तर था। तब भी बताया गया था कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी थी। 2018 में भी इसी इमारत में आग लगी थी।
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