Raja Heer Singh Gondwana Kingdom: तालाबों की चाँदी का राज्य-चाँदा

तालाबों की चाँदी का राज्य-चाँदा  गोंड काल में बनाए गए जलस्रोतों में से हैं चाँदा राज्य के असंख्य तालाब। आज के भण्डारा जिले में, एक अध्ययन के अनुसार 410000 हेक्टेयर जमीन का 78 प्रतिशत हिस्सा अकेले इन्हीं तालाबों की दम पर सिंचित होता है। यहाँ कुल 43381 तालाब आज भी हैं जिनमें से 238 तालाब 10 हेक्टेयर से भी बड़े हैं, 3007 तालाब 4 से 10 हेक्टेयर के, 7534 तालाब 2 से 4 हेक्टेयर के, 13289 तालाब 1 से 2 हेक्टेयर के और 19313 तालाब एक हेक्टेयर से कम के हैं। देवगढ़ व मंडला के गोंड राज्यों की सीमाओं से लगे चाँदा राज्य (आज का भण्डारा जिला) के एक राजा हीरसिंह का फरमान था कि ‘जो व्यक्ति जंगल के किसी टुकड़े को साफ करके आबादी के लायक बनाएगा उसे उस इलाके के ‘सरदार’ और ‘जमींदार’ का खिताब दिया जाएगा।’ इसी फरमान के अनुसार ‘जो व्यक्ति तालाब का निर्माण करेगा उसे उसी तालाब से सिंचित जमीन पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाएगी।’ तालाब बनाने वाले लोगों को राजा की तरफ से भेंट में सोने का हल देकर सम्मान करने तक का चलन था। इन फरमानों के कारण विशाल भू-भाग खेती लायक बनाया गया और असंख्य तालाब भी खोदे गए। कहते हैं आज के नागपुर और चांदा इलाके में 45 हजार तालाब बने थे।  वैनगंगा घाटी की मराठी पट्टी में किसानों की एक छोटी जाति ‘कोहली’ भण्डारा, चांदा, गढ़चिरोली और बालाघाट जिलों में बसी है। यह जाति विशाल सिंचाई तालाबों के निर्माताओं के रूप में जानी जाती है जिनके कारण पूरी वैनगंगा घाटी प्रसिद्ध है। इन तालाबों का पानी धान और कोहली जाति की प्रिय फसल गन्ना के उत्पादन के काम में लाया जाता है।  गोंड राजा हीर सिंह ने नागपुर और चांदा इलाके में 45 हजार तालाब बनवाए भारतिया इतिहाश में दूजा उदाहरण नही तालाब बनाने वाले लोगों को राजा की तरफ से भेंट में सोने का हल देकर सम्मान करने तक का चलन था  News Source- Maharstra gazetteer, india Water Portal,

तालाबों की चाँदी का राज्य-चाँदा

गोंड काल में बनाए गए जलस्रोतों में से हैं चाँदा राज्य के असंख्य तालाब। आज के भण्डारा जिले में, एक अध्ययन के अनुसार 410000 हेक्टेयर जमीन का 78 प्रतिशत हिस्सा अकेले इन्हीं तालाबों की दम पर सिंचित होता हैयहाँ कुल 43381 तालाब आज भी हैं जिनमें से 238 तालाब 10 हेक्टेयर से भी बड़े हैं, 3007 तालाब 4 से 10 हेक्टेयर के, 7534 तालाब 2 से 4 हेक्टेयर के, 13289 तालाब 1 से 2 हेक्टेयर के और 19313 तालाब एक हेक्टेयर से कम के हैं। देवगढ़ व मंडला के गोंड राज्यों की सीमाओं से लगे चाँदा राज्य (आज का भण्डारा जिला) के एक राजा हीरसिंह का फरमान था कि ‘जो व्यक्ति जंगल के किसी टुकड़े को साफ करके आबादी के लायक बनाएगा उसे उस इलाके के ‘सरदार’ और ‘जमींदार’ का खिताब दिया जाएगा।’ इसी फरमान के अनुसार ‘जो व्यक्ति तालाब का निर्माण करेगा उसे उसी तालाब से सिंचित जमीन पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाएगी।’ तालाब बनाने वाले लोगों को राजा की तरफ से भेंट में सोने का हल देकर सम्मान करने तक का चलन था। इन फरमानों के कारण विशाल भू-भाग खेती लायक बनाया गया और असंख्य तालाब भी खोदे गए। कहते हैं आज के नागपुर और चांदा इलाके में 45 हजार तालाब बने थे।

वैनगंगा घाटी की मराठी पट्टी में किसानों की एक छोटी जाति ‘कोहलीभण्डारा, चांदा, गढ़चिरोली और बालाघाट जिलों में बसी है। यह जाति विशाल सिंचाई तालाबों के निर्माताओं के रूप में जानी जाती है जिनके कारण पूरी वैनगंगा घाटी प्रसिद्ध है। इन तालाबों का पानी धान और कोहली जाति की प्रिय फसल गन्ना के उत्पादन के काम में लाया जाता है।

गोंड राजा हीर सिंह ने नागपुर और चांदा इलाके में 45 हजार तालाब बनवाए भारतिया इतिहाश में दूजा उदाहरण नही तालाब बनाने वाले लोगों को राजा की तरफ से भेंट में सोने का हल देकर सम्मान करने तक का चलन था

News Source- Maharstra gazetteer, india Water Portal,

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ