यह नगर हटा तहसील का मुख्यालय भी है। हटा नगर का नाम गोंड राजा हट्टे शाह के नाम पर है,जो दमोह ज़िले की सबसे बड़ी तहसील है। हम आप के इतिहास के पहलू के साथ आपको बता दें कि यह हटा तहसील गोंडवाना साम्राज्य के 52 गढ़ों में शामिल थी जो महारानी दुर्गावती के समय काल में भी रहा है।आज भी हटा नगर में देखने को मिलता है कि गोंडवाना साम्राज्य के कालीन में यह महल बहुत बड़ा वैभवशाली बना है जिसका नाम रंग महल के नाम से जाना जाता है। महल में पहले इतिहासकारों ने अपनी किताबों में दर्शाया गया कि एक सुरंग थी जिसका सीधा महोबा के उत्तर प्रदेश में और यहां के दमोह जिले के सिंगौरगढ़ जो की आज ग्राम सिग्रामपुर के नाम से जाना जाता है।
राजा हट्टे शाह ने रंग महल का निर्माण कराया, ज़िसकी सुरंग उत्तर प्रदेश के महोबा किले से जुडी हुई है !
इस किले की सुरंग के माध्यम से महारानी दुर्गावती अपने सिंगौरगढ़ किले से सुरंग के द्वारा हटा पहुंच जाती थी ऐसा ही इतिहासकारों ने बताया है कि हटा के आगे 17 किमी मड़ियादो है जहां पर आज भी गोंडवाना साम्राज्य के गढ़ किले बने हुए हैं। परतुं जिनका जीर्णोंधार होना आवश्यक है।हटा क्षेत्र बहुत जिले से घिरा हुआ है।पूर्व में पन्ना पश्चिमी टीकमगढ़ उत्तर में छतरपुर दक्षिण में दमोह से जबलपुर तथा सागर टीकमगढ़ भी जाता है हटा से छतरपुर के किलोमीटर लगभग 130 किलोमीटर दूर है आधार पन्ना की लंबाई 120 किलोमीटर दूर है सागर 144है। हटा शहर को उपकाशी के नाम से जाना जाता है। यहाँ के पर्यटक स्थल चडीं जी मंदिर,गौरी शंकर मंदिर, सांई मंदिर,रंग महल, सुनार नदी आदि हैं।
यह नगर हटा तहसील का मुख्यालय भी है।हटा नगर का नाम गोंड राजा हट्टे शाह के नाम पर है,जो दमोह ज़िले की सबसे बड़ी तहसील है।हम आप के इतिहास के पहलू के साथ आपको बता दें कि यह हटा तहसील गोंडवाना साम्राज्य के 52 गढ़ों में शामिल थी जो महारानी दुर्गावती के समय काल में भी रहा है।आज भी हटा नगर में देखने को मिलता है कि गोंडवाना साम्राज्य के कालीन में यह महल बहुत बड़ा वैभवशाली बना है जिसका नाम रंग महल के नाम से जाना जाता है। महल में पहले इतिहासकारों ने अपनी किताबों में दर्शाया गया कि एक सुरंग थी जिसका सीधा महोबा के उत्तर प्रदेश में और यहां के दमोह जिले के सिंगौरगढ़ जो की आज ग्राम सिग्रामपुर के नाम से जाना जाता है।
इस किले की सुरंग के माध्यम से महारानी दुर्गावती अपने सिंगौरगढ़ किले से सुरंग के द्वारा हटा पहुंच जाती थी ऐसा ही इतिहासकारों ने बताया है कि हटा के आगे 17 किमी मड़ियादो है जहां पर आज भी गोंडवाना साम्राज्य के गढ़ किले बने हुए हैं। परतुं जिनका जीर्णोंधार होना आवश्यक है।हटा क्षेत्र बहुत जिले से घिरा हुआ है।पूर्व में पन्ना पश्चिमी टीकमगढ़ उत्तर में छतरपुर दक्षिण में दमोह से जबलपुर तथा सागर टीकमगढ़ भी जाता है हटा से छतरपुर के किलोमीटर लगभग 130 किलोमीटर दूर है आधार पन्ना की लंबाई 120 किलोमीटर दूर है सागर 144है। हटा शहर को उपकाशी के नाम से जाना जाता है। यहाँ के पर्यटक स्थल चडीं जी मंदिर,गौरी शंकर मंदिर, सांई मंदिर,रंग महल, सुनार नदी आदि हैं।
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