खाने को पैसा नहीं, दवाइयां कहां से खरीदूं? 3 लाशें एक ऑटो में मिलीं, मां-बाप-बेटे ने सुसाइड नोट भी लिखा, बेटे की नौकरी नहीं लगी, बुजुर्ग मां-बाप बीमार रहते हैं

खाने को पैसा नहीं, दवाइयां कहां से खरीदूं? 3 लाशें एक ऑटो में मिलीं, मां-बाप-बेटे ने सुसाइड नोट भी लिखा, बेटे की नौकरी नहीं लगी, बुजुर्ग मां-बाप बीमार रहते हैं

Gujarat Rajkot Family Suicide: गुजरात के राजकोट में एक गरीब परिवार ने जहर खाकर मौत का गले लगा लिया है। बुजुर्ग दंपति और उनके जवान बेटे की लाशें ऑटो में मिली है। घटना राजकोट शहर से 25 किलोमीटर दूर पदधाारी इलाके के गांव रामपर की है, जहां खड़े ऑटो से दुर्गंध आई तो उसमें 3 लाशें होने का […]

Gujarat Rajkot Family Suicide: गुजरात के राजकोट में एक परिवार ने जहर खाकर अपनी गरीबी की वजह से मौत का गले लगा लिया। बुजुर्ग दंपति और उनके जवान बेटे की लाशें ऑटो में मिली। घटना राजकोट शहर से 25 किलोमीटर दूर पदधाारी इलाके के गांव रामपर की है, जहां खड़े ऑटो से लाशो की दुर्गंध आई तो उसमें 3 लाशें होने का खुलासा भी हुआ।

शवों के पास जहर की बोतल और सुसाइड नोट मिला, जिसमें मौत होने की वजह भी लिखी गई है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं सुसाइड करने की वजह आर्थिक तंगी और बीमारियां भी बताई जा रही है। वहीं एक साथ 3 लाशें मिलने से इलाके में हड़कंप भी मच गया है। लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

सुसाइड नोट में लाचार परिवार ने बयां किया गरीबी का दर्द!

स्थानिय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जहर खाने से पहले परिवार ने सुसाइड नोट में अपनी गरीबी की कहानी का दर्द एक पत्र लिखकर वया किया है। सुसाइड नोट में लिखा है कि ऑटो चलाने से इतनी कमाई नहीं होती कि भरपेट खाना खा पाएं। बेटे की नौकरी नहीं लगी, ऑटो चलाकर गुजारा करता। बुजुर्ग मां-बाप बीमार रहते हैं। इलाज कराएंगे तो दवाइयां कहां से खरीदेंगे?

खाने के लिए ही पैसा पूरा नही पड़ता। गरीबी से तंग आ गए हैं। बीमारियों से और भूख से तड़प-तड़प कर मरने से अच्छा है कि एक ही बार किस्सा खत्म कर दें, इसलिए जान दे रहे हैं। हमारी मौत के लिए कोई शख्स नहीं, बल्कि गरीबी जिम्मेदार है। पुलिस किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई न करे। हमारी मौत के लिए हम खुद जिम्मेदार हैं।

पहले भी एक परिवार के 6 लोगों ने की थी सुसाइड!

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों की पहचान 62 वर्षीय कादर मुकासम, उसकी 59 वर्षीय पत्नी फरीदाबेन और 35 वर्षीय बेटे आशिक के रूप में हुई। कादर रिक्शा चलाता था, लेकिन कई बीमारियों से पीड़ित था। गरीबी के कारण आशिक की शादी भी नहीं हुई थी। 2023 में भी गुजरात के भावनगर में एक परिवार के 6 सदस्यों ने सुसाइड की थी।

पहले माता-पिता और 2 भाई-बहनों ने जहर खाकर सुसाइड की। मृतकों की पहचान सूरत के नाना वराछा निवासी हीरा कारोबारी वीनू मोरदिया, पत्नी शारदा, बेटी सेनिता (20), बेटे कृष (17) ने सुसाइड किया। इसके बाद मृतक वीनू के दोनों बड़े बच्चों रुशिता (25) और पार्थ (21) ने भी जहर खाकर मौत को गले लगा लिया था।

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