Modi Cabinet 3.0: अमित शाह और राजनाथ सिंह मंत्री नहीं बने तो क्या होगा विकल्प? क्या भाजपा के पास ही रहेंगे अहम विभाग?

Modi Cabinet 3.0: अमित शाह और राजनाथ सिंह मंत्री नहीं बने तो क्या होगा विकल्प? क्या भाजपा के पास ही रहेंगे अहम विभाग?

Modi Cabinet 3.0 Latest Updates: नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में इस बार अमित शाह, राजनाथ सिंह जैसे कद्दावर नेताओं को जगह नहीं मिलने की चर्चा सियासी गलियारों में है। ऐसे में अगर इन्हें जगह नहीं मिली तो भाजपा के पास इनके लिए क्या विकल्प हैं, आइए जानते हैं...

Modi Cabinet 3.0 Latest Update: नरेंद्र मोदी आज य़ानी रविवार को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। देश में BJP के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन की सरकार बनेगी। रविवार 9 जून को देश में जहां नरेंद्र मोदी के तीसरे शपथ ग्रहण समारोह की चर्चा ट्रेंडिंग है, वहीं नरेंद्र मोदी की तीसरी कैबिनेट में शामिल होने वाले चेहरों की भी खूब चर्चा हो रही है। क्योंकि इस बार केंद्र में भाजपा सरकार बनवाने में NDA के सहयोगी दलों की खास भूमिका रही है, ऐसे में मोदी कैबिनेट में इस बार सहयोगी दलों के सांसदों को भी मंत्री पद दिए जाएंगे।

इस बीच सियासी गलियारों में चर्चा अमित शाह, राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा को लेकर भी हो रही है, जो नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी हैं। चर्चा यह है कि क्या इन्हें इस बार मोदी कैबिनेट में जगह मिलेगी? अगर नहीं मिली तो क्या होगा? इनके लिए नरेंद्र मोदी और भाजपा के पास क्या विकल्प हैं? क्योंकि इस बार मोदी और भाजपा के लिए सहयोगी दलों के सांसदों को भी मंत्री पद देना एक तरह से अनिवार्य है। आइए स्थिति पर प्रकाश डालते हैं…

भाजपा अध्यक्ष बनाना विकल्प रहेगा!

सियासी गलियारों में चर्चा है कि अगर अमित शाह को मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलती है तो उन्हें भाजपा अध्यक्ष बनाया जा सकता है। शिवराज चौहान, राजनाथ सिंह के लिए भी यही विकल्प हो सकता है। कुल मिलाकर तीनों को भाजपा संगठन में अहम जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। जेपी नड्डा, मनोहर लाल खट्टर, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारणम, अश्विनी वैष्णव, भूपेंद्र यादव, हेमा मालिनी, गजेंद्र शेखावत समेत दिग्गज भाजपा नेताओं को मंत्री पद सौंपे जा सकते हैं। वहीं भाजपा राज्यसभा में अपने चेहरे भी बदल सकती है। पार्टी के कद्दावर नेताओं को राज्यसभा में भेजा जा सकता है।

भाजपा के पास ही रहेंगे मुख्य विभाग!

भाजपा सूत्रों के मुताबिक, सरकार के सबसे अहम विभाग भाजपा अपने पास ही रखेगी। जैसे सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति में शामिल 4 मंत्रालयों गृह, रक्षा, वित्त, शिक्षा, विदेश, संसदीय, सूचना एवं प्रसारण विभाग भाजपा अपने पास रखेगी। बाकी मंत्रालय सहयोगी दलों के सांसदों में बांटे जा सकते हैं।

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