Damoh news: किसान भाई क्वालिटी मेंटेंन करें, काली धान उर्पाजन में बिलकुल स्वीकार नही..

Damoh news: Farmer brothers should maintain the quality, black paddy production is not acceptable at all

दमोह में 20 हजार 680 किसानों के द्वारा पंजीयन किया गया, अभी 30 केन्द्र स्थापित हो चुके..

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राज्य शासन दिये गये निर्देशों के तहत दमोह जिले में धान खरीदी की तैयारी प्रशासन द्वारा की गई हैं। दमोह में 20 हजार 680 किसानों के द्वारा पंजीयन किया गया हैं।  जिले में 30 केन्द्रों की स्थापना धान खरीदी हेतु की गई हैं। शासन के मापदण्डों के तहत केन्द्रों की संख्या बढ़ाने की जरूरत को देखते हुये, कमेटी द्वारा लगातार चेक किया जा रहा हैं, अभी यह 30 केन्द्र जहाँ पर स्थापित हो चुके हैं, किसान अपना टाइम स्लाट या टाइम बुकिंग करके सीधे केन्द्रों पर विक्रय कर सकते हैं। किसान भाई बही एवं एक आईडी फ्रूफ यथा आधार कार्ड लेकर अपने केन्द्रों में विक्रय हेतु जा सकेंगे। 

केन्द्रों में शासन द्वारा निर्धारित क्वालिटी के मापदण्ड के बारे में पूरी तरह अवगत कराया गया हैं, किसके कितने-कितने चार्जेस लगने हैं, उसके बारे मे पूरी तरह अवगत कराया गया हैं। किसान भाई क्वालिटी मेंटेंन करें, किस बात के लिए कितनी राशि लगनी हैं, किसी बात के लिए बिलकुल राशि देने की जरूरत नहीं हैं, के बारे में पूरी जानकारी सहित केन्द्र मे जायेंगे और अपनी उपज उसी टाईम में विक्रय करके आने की स्थिति में रहेंगे। सभी जगहों पर शासन द्वारा निर्धारित मूलभूत सुविधाए उपलब्ध कराई जा रही हैं और इस बार भी धान उर्पाजन पिछली बर्ष की तरह किसान को बिना किसी असुविधा ना होते हुए खरीदी करेंगे। लगातार नोडल अधिकारी की व्यवस्था, एसडीएम, तहसीलदार सभी जगह लगातार देखेंगे और कही पर भी सुविधाओं में कमी ना हो यह सुनिश्चित किया जायेगा।

किसानो से की अपील..

किसान भाई विदित हो पिछले 2 वर्षों से लगातार काली धान उन्मूलन के लिए अभियान चलाया जा रहा हैं, पिछली बार भी उर्पाजन के समय में काली धान की कही पर बात भी आती हैं जो पिछली बार लगभग-लगभग न के बराबर थी, उसको भी बिलकुल उर्पाजन में स्वीकार नही किया गया है।  इस बार भी वही नियम रहेगा कि शासन के द्वारा निर्धारित मापदण्डो के तहत उर्पाजन किया जायेगा। कही पर भी एक भी दाना काली धान का होता हैं तो उसे रिजेक्ट किया जायेगा। 
किसान भाई पूरी मापदण्डो के तहत जानकारी लेवे, उसके तहत अपनी उपज बेचने के लिए अपने-अपने निर्धारित केन्द्रों में जाये ताकि किसान भाईयों को कोई असुविधा ना हो।
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