भारत में धर्मांतरण के काले जाल से लोगों को बचाने के लिए घरवापसी के कई अभियान जगह-जगह चलाए जा रहे हैं। इसी क्रम में हाल में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने 25 दिसंबर 2022 को दमोह में चल रही रामकथा में शामिल होने आए 300 लोगों को सनातन धर्म में लौटवाया। वहीं छत्तीसगढ़ के जशपुर में भी विशाल हिंदू सम्मेलन के दौरान अखिल भारतीय घरवापसी के प्रमुख प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने 50 परिवारों ने हिंदू धर्म में घरवापसी करवाई। कार्यक्रम के दौरान मिशनरियों का शिकार लोगों ने बताया कि उन्हें कैसे-कैसे लालच देकर ईसाई बनाया गया था। बागेश्वर धाम सरकार ने 300 लोगों की करवाई घरवापसी
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने 25 दिसंबर को दमोह के कृष्णा हाइट्स में हुए कार्यक्रम में 250-300 लोगों को शपथ दिलाई। उन्होंने पहले पूछा कि किसी ने जबरन तो उन्हें हिंदू धर्म स्वीकारने को नहीं कहा। जब इस बात से लोगों ने इनकार कर दिया तब उन्होंने कहा बोलो कि चाहे कुछ भी हो जाए आप लोग अपना धर्म किसी कीमत पर नहीं छोड़ोगे। धीरेंद्र शास्त्री ने उन्हें समझाया कि हमारे संतों ने, पूर्वजों ने सनातन की रक्षा के लिए प्राण तक दे दिए लेकिन भूलकर भी दूसरे धर्म में नहीं गए। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने पीड़ितों से पूछा कि उन्हें किस तरह का लालच देकर हिंदू धर्म छुड़वाया गया। इस पर एक युवक जितेंद्र ने बताया कि उनके पिता को कहा गया था कि ‘तुम्हारे बच्चे के पैर का
इलाज करवा देंगे।’ हालाँकि दवाई एक रुपए की भी नहीं हुई। उलटा उन्हें कहा गया कि घर में चाहे कोई मर जाए लेकिन रविवार को चर्च जरूर आना है। जितेंद्र ने बताया कि उन लोगों के आगे हिंदू धर्म को उलटा कहा जाता था जिसका उन्हें बहुत बुरा लगता था। पर कहीं से कोई सपोर्ट न मिल पाने के कारण वो कुछ नहीं कर पाते थे। इसी तरह एक युवक ने बताया कि उसे गाड़ी की किस्त भरने के नाम पर 1 लाख 32 हजार रुपए दिए गए थे और इलाज के लिए 60 हजार रुपए देकर ईसाई धर्म कबूल करवाया गया था। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने सबकी बातें सुनने के बाद कहा कि अगर आप लोग लालच में न आते तो ये दिन नहीं आता। आप यदि भगवान की शरण में आओगे, हनुमान जी को ध्याओगे तो आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
बागेश्वर धाम ने यह शपथ दिलाई...
आज सभी दमोह में यह संकल्प लेते हैं, आज से हमेशा, जीवन पर्यंत अपने संतों की, सनातन धर्म की रक्षा के लिए प्राण दे देंगे, परंतु भूलकर भी अन्य धर्म में नहीं जाएंगे। हम श्री हनुमानजी महाराज, रविदास महाराज, मीराबाई, महर्षि वाल्मिकी, गोस्वामी तुलसीदास, जागेश्वर महादेव, बागेश्वर बाला जी, इनके चरणों की सौगंध खाते हैं, हम भूलकर भी कभी दूसरे धर्म में नहीं जाएंगे। हमसे जो गलती हुई है, हमसे जाे भूल हुई है दूसरे धर्म में जाने की... प्रभु हमें क्षमा करो, हनुमानजी हमें क्षमा करो, महर्षि वाल्मिकी हमें क्षमा करो, गोस्वामी तुलसीदास हमें क्षमा करो.. सब संतों की जय हो... सनातन धर्म की जय हो... बागेश्वर धाम की जय हो... अब दोनों हाथ मलकर फटकार लगाओ... जिससे जो बलाएं लगी हों दूर हो जाएं।
क्या बोले- घर वापसी करने वाले...
एक महिला ने कहा- काम के सिलसिले में दूसरे धर्म के लोगों के पास गए थे। इसके बाद आना-जाना शुरू हो गया। उन लोगों ने प्रलोभन दिया। दवाई के लिए रुपए देते थे। जरूरत पड़ने पर लाना ले जाना भी करते थे। अब हम सनातन धर्म में वापस आना चाहते हैं। अब हम नहीं बहकेंगे। युवा जितेंद्र कुमार ने कहा- पिता को उन लोगों ने कहा था कि आपके बच्चे के पैर का इलाज करवा देंगे। मेरे दोनों पैर में आज भी बहुत दर्द रहता है, लेकिन उन्होंने एक रुपए की दवाई नहीं करवाई। वे कहते थे, यदि घर पर किसी का देहांत भी हो गया हो तो सबसे पहले आपको चर्च में आकर प्रार्थना करनी है। हम गरीब लोग हैं, कभी काम पर जाने के कारण प्रार्थना करने नहीं जा पाते थे तो वे लोग घर पर आकर डांटते थे। हमें कहते थे पर्चे बांटो।
जितेंद्र बोले वे लोग हिंदू धर्म के बारे में गलत बोलते थे। हमने विरोध भी किया था। कहीं से सपोर्ट नहीं मिलने और उनके पावरफुल होने से हम डर गए। कुछ लोगों ने तो इनकी डुबकी भी ले ली थी। वे अंधविश्वास पाखंड की बातें करते थे। वे घरों में जाकर सभा किया करते थे। अब हम वापस लौटना चाहते हैं। एक युवक ने कहा- कुछ पैसों के लिए लोग बिक गए थे। अपना धर्म बदल दिया था। इन्होंने हम सब हिंदू भाई-बहनों की इज्जत गिरा दी। अब सब वापस आ गए हैं। हम अब साथ हैं।
लालच में नहीं आते तो यह नहीं होता..
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने कहा- इसमें आपकी भी गलती है। न लालच में जाते, न उनके चक्कर में पड़ते। आप उस सनातन धर्म से हैं, जहां आपके पूर्वजों पर कई विपत्तियां आईं, उन्होंने अपना सिर तक काटकर दिखा दिया था। हम कोई चमत्कारी नहीं हैं, काेई भगवान नहीं हैं, लेकिन संतों के प्रताप से इतना जानता हैं, संतों की कृपा से भगवान की शरण में आओगे, हनुमान जी की ध्याओगे... तो तुम्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ईश्वर आप पर हर दिन कृपा करेंगे।
आप सबसे एक-एक मिनट मिलूंगा...
आप सब यहीं पर हो ना अभी। परसों का दरबार हो जाने दो। यहीं पर हम तीन दिन बाद आप सबसे एक-एक मिनट मिलेंगे। आप सबकी अर्जी भी लगा देंगे, जिससे बागेश्वर बालाजी महाराज की कृपा आप पर बनी रहे। आज आरती करो। घर पर झंडा लगाओ। जो बीत गया सो बीत गया, मन में कोई मलाल मत रखना। आप से अब हाथ जोड़कर विनती है कि अब ऐसी गलती मत करना। समाज की नाक नहीं कटवाना। आप उस समाज से हो, जिसने बड़ी-बड़ी परीक्षाएं दी हैं।
कोई रुपए दे तो ले लो, पर अब धर्म नहीं बदलना..
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, कोई रुपए दे तो ले लो। बच्चों की पढ़ाई उनकी अच्छी परवरिश में खर्च करो। हम गरीब लोग हैं, लेकिन अब धर्म नहीं बदलना। अभी आपके और जो साथी रह गए हैं, उन्हें लेकर आना। हमारे पूर्वजों ने सनातन धर्म के लिए अपने प्राण तक दे दिए हैं, उन्हें मत लजवाओ। कथा 2022 में शुरू होगी और वर्ष 2023 में पूर्ण होगी
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया कि दमोह की धरा पर ऐसी ऐतिहासिक कथा हो रही है जो अंग्रेजी वर्ष के अनुसार वर्ष 2022 में शुरू होगी और वर्ष 2023 में पूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि 2 साल पहले जब वे आशीर्वाद गार्डन में 1 दिन के लिए आए थे, तब वहां पर वर्ष 2022 में श्री राम कथा की घोषणा हो चुकी थी। विधायक अजय टंडन तो एक माध्यम है, कथा कराने वाले तो सीताराम जी और बांदकपुर के महादेव जी हैं। उन्होंने श्रोताओं की तरफ इशारा करते हुए कहा कि आप ऐसा मत सोचना कि गुरु जी आपका नाम ले देंगे तो आप विधायक बन जाएंगे यह सोचकर कथा में कभी भी मत आना। #suradailynews
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