ट्रूडो से जब कनाडा की एक पत्रकार ने सवाल किया आपको मालूम है, आप क्या कर रहे है ? क्या आप समझते है कि इंडिया की भू-राजनैतिक कितनी मेहत्वपूर्ण है ? आप देख रहे है कि आपके जो साझेदार देश है चुप है, इस पर आपका क्या जवाब है ..जाने ट्रूडो का बेतुका ज़बाव

न्यूयॉर्क में एक प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा, "जैसा कि मैंने सोमवार को कहा था कि इस बात को मानने की विश्वसनीय वजहें हैं कि कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे."  "कानून के शासन वाले देश में ये अत्यंत महत्वपूर्ण चीज है और ऐसी दुनिया में जहां अंतरराष्ट्रीय नियम व्यवस्था मायने रखती है. हमारे देश में मजबूत स्वतंत्र न्याय प्रणाली है. हमारे पास स्वतंत्र कानून सिस्टम है."  कनाडा के पीएम से जब पीएम नरेंद्र मोदी से इस बारे में किसी तरह की हुई बातचीत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "जैसा कि मैंने बताया कि पीएम के साथ मेरी सीधी बातचीत हुई, जिसमें मैंने अपनी चिंताएं बिना किसी लाग लपेट के साझा कीं."  ट्रूडो से ये भी पूछा गया कि उनके इस आरोप पर उनके अंतरराष्ट्रीय साझेदार चुप हैं.  उन्होंने इस पर कहा, "भारत एक महत्वपूर्ण देश है, एक ऐसा देश है जिसके साथ हमें न केवल एक क्षेत्र में बल्कि दुनिया भर में काम करना जारी रखना होगा. हम उकसाना नहीं चाहते हैं और न ही समस्याएं खड़ी करना चाहते हैं लेकिन हम कानून के शासन के महत्व के बारे में स्पष्ट हैं और कनाडाई लोगों की रक्षा करने और मूल्यों के लिए खड़े होने के महत्व के बारे में स्पष्ट हैं. इसीलिए, हम भारत सरकार से आह्वान करते हैं कि वो मामले की सच्चाई को पता करने और न्याय और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए हमारे साथ काम करें."  उनसे इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबूत के बारे में और कनाडा भारत में अपने उच्चायोग की सुरक्षा के लिए क्या कर रहा है, इसके बारे में भी सवाल किया गया.  उन्होंने कहा, "कनाडा में सख्त और स्वतंत्र न्याय प्रणाली है, जिस पर हमें भरोसा है, प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उसका सख्ती से पालन हो और उनका सम्मान किया जाए. कनाडा में सुरक्षा और कनाडाई लोगों की सुरक्षा को हम हमेशा गंभीरता से लेते हैं, चाहे घर में या विदेश में. मैं सभी को आश्वस्त् कर सकता हूं कि कनाडा एक सुरक्षित देश है. मैं शांति का आह्वान करता हूं और कनाडाई लोगों के लिए ये कहता हूं कि वे हमारे संस्थाओं पर भरोसा रखें."  भारतीय विदेश मंत्रालय की गुरुवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस  भारत और कनाडा के बीच जारी तनाव के बीच गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दिए.  अरिंदम बागची ने भारत में वॉन्टेड लोगों को कनाडा में पनाह दिए जाने से लेकर वीज़ा और राजनयिकों की सुरक्षा के मुद्दे पर भारत का पक्ष रखा.  भारत में वॉन्टेड लोगों को कनाडा में पनाह दिए जाने के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "उन्हें कनाडा में सुरक्षित आश्रय प्रदान किया जा रहा है, हम चाहते हैं कि कनाडा सरकार ऐसा न करे और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे जिन पर आतंकवाद के आरोप हैं या उन्हें यहां भेजें. हमने पिछले कुछ वर्षों में 20-25 से अधिक लोगों के प्रत्यर्पण या कार्रवाई के लिए कनाडा सरकार से अनुरोध किया है. लेकिन किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली."  कनाडा में रहने वाले भारतीय छात्रों के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "हमने सावधानी बरतने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. हमारा वाणिज्य दूतावास वहां काम कर रहा है. हमने कहा है कि अगर उन्हें कोई समस्या आती है, तो वे हमारे वाणिज्य दूतावास से संपर्क करें. हमारी वीजा पॉलिसी से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि वे भारत के नागरिक हैं."  ट्रूडो ने भारत पर लगाए थे गंभीर आरोप  सोमवार को जस्टिन ट्रूडो ने संसद में ये आशंका जताई थी कि शायद कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की इस साल जून में हुई हत्या में भारत की भूमिका थी. इसके बाद कनाडा ने भारत के शीर्ष राजनयिक को निष्कासित कर दिया. जवाबी कार्रवाई में भारत ने भी कनाडा के शीर्ष राजनयिक को पाँच दिनों के अंदर भारत छोड़ने का आदेश दिया.

न्यूयॉर्क में एक प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा, "जैसा कि मैंने सोमवार को कहा था कि इस बात को मानने की विश्वसनीय वजहें हैं कि कनाडा की धरती पर एक कनाडाई नागरिक की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे."

"कानून के शासन वाले देश में ये अत्यंत महत्वपूर्ण चीज है और ऐसी दुनिया में जहां अंतरराष्ट्रीय नियम व्यवस्था मायने रखती है. हमारे देश में मजबूत स्वतंत्र न्याय प्रणाली है. हमारे पास स्वतंत्र कानून सिस्टम है."

कनाडा के पीएम से जब पीएम नरेंद्र मोदी से इस बारे में किसी तरह की हुई बातचीत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "जैसा कि मैंने बताया कि पीएम के साथ मेरी सीधी बातचीत हुई, जिसमें मैंने अपनी चिंताएं बिना किसी लाग लपेट के साझा कीं."

ट्रूडो से ये भी पूछा गया कि आपको मालूम है, आप क्या कर रहे है ? क्या आप समझते है कि इंडिया की भू-राजनैतिक कितनी मेहत्वपूर्ण है ? आप देख रहे है कि आपके जो साझेदार देश है चुप है, इस पर आपका क्या जवाब है ..जाने ट्रूडो का बेतुका ज़बाव

उन्होंने इस पर कहा, "भारत एक महत्वपूर्ण देश है, एक ऐसा देश है जिसके साथ हमें न केवल एक क्षेत्र में बल्कि दुनिया भर में काम करना जारी रखना होगा. हम उकसाना नहीं चाहते हैं और न ही समस्याएं खड़ी करना चाहते हैं लेकिन हम कानून के शासन के महत्व के बारे में स्पष्ट हैं और कनाडाई लोगों की रक्षा करने और मूल्यों के लिए खड़े होने के महत्व के बारे में स्पष्ट हैं. इसीलिए, हम भारत सरकार से आह्वान करते हैं कि वो मामले की सच्चाई को पता करने और न्याय और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए हमारे साथ काम करें."

उनसे इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबूत के बारे में और कनाडा भारत में अपने उच्चायोग की सुरक्षा के लिए क्या कर रहा है, इसके बारे में भी सवाल किया गया.

उन्होंने कहा, "कनाडा में सख्त और स्वतंत्र न्याय प्रणाली है, जिस पर हमें भरोसा है, प्रक्रियाओं का पालन करने के लिए, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि उसका सख्ती से पालन हो और उनका सम्मान किया जाए. कनाडा में सुरक्षा और कनाडाई लोगों की सुरक्षा को हम हमेशा गंभीरता से लेते हैं, चाहे घर में या विदेश में. मैं सभी को आश्वस्त् कर सकता हूं कि कनाडा एक सुरक्षित देश है. मैं शांति का आह्वान करता हूं और कनाडाई लोगों के लिए ये कहता हूं कि वे हमारे संस्थाओं पर भरोसा रखें."

भारतीय विदेश मंत्रालय की गुरुवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस

भारत और कनाडा के बीच जारी तनाव के बीच गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दिए.

अरिंदम बागची ने भारत में वॉन्टेड लोगों को कनाडा में पनाह दिए जाने से लेकर वीज़ा और राजनयिकों की सुरक्षा के मुद्दे पर भारत का पक्ष रखा.

भारत में वॉन्टेड लोगों को कनाडा में पनाह दिए जाने के सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "उन्हें कनाडा में सुरक्षित आश्रय प्रदान किया जा रहा है, हम चाहते हैं कि कनाडा सरकार ऐसा न करे और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे जिन पर आतंकवाद के आरोप हैं या उन्हें यहां भेजें. हमने पिछले कुछ वर्षों में 20-25 से अधिक लोगों के प्रत्यर्पण या कार्रवाई के लिए कनाडा सरकार से अनुरोध किया है. लेकिन किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली."

कनाडा में रहने वाले भारतीय छात्रों के बारे में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "हमने सावधानी बरतने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. हमारा वाणिज्य दूतावास वहां काम कर रहा है. हमने कहा है कि अगर उन्हें कोई समस्या आती है, तो वे हमारे वाणिज्य दूतावास से संपर्क करें. हमारी वीजा पॉलिसी से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि वे भारत के नागरिक हैं."

ट्रूडो ने भारत पर लगाए थे गंभीर आरोप

सोमवार को जस्टिन ट्रूडो ने संसद में ये आशंका जताई थी कि शायद कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की इस साल जून में हुई हत्या में भारत की भूमिका थी. इसके बाद कनाडा ने भारत के शीर्ष राजनयिक को निष्कासित कर दिया. जवाबी कार्रवाई में भारत ने भी कनाडा के शीर्ष राजनयिक को पाँच दिनों के अंदर भारत छोड़ने का आदेश दिया.

ट्रूडो ने कनाडा की संसद में कहा, "कनाडा की एजेंसियों ने पुख्ता तौर पर पता किया है कि निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार का हाथ हो सकता है."

कनाडा की संसद में ट्रूडो ने कहा, "हमारे देश की ज़मीन पर कनाडाई नागरिक की हत्या के पीछे विदेशी सरकार का होना अस्वीकार्य है और ये हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है."

ट्रूडो बोले, "ये उन मूलभूत नियमों के ख़िलाफ़ है, जिसके तहत लोकतांत्रिक, आज़ाद और खुले समाज चलते हैं."

निज्जर की हत्या के तार भारत सरकार से जोड़ने वाले बयान के एक दिन बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने मंगलवार को एक और बयान दिया. ट्रूडो ने कहा कि उनका मकसद भारत को उकसाने का नहीं था.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार ट्रूडो ने कहा, "सिख अलगाववादी नेता की हत्या से भारतीय एजेंटों का संबंध होने की आशंका ज़ाहिर करने के पीछे कनाडा का मकसद भारत को उकसाना नहीं था, बल्कि कनाडा चाहता है कि भारत इस मामले को ठीक से संभाले. भारत सरकार को इस मामले में बेहद गंभीरता दिखाने की ज़रूरत है. हम यही कर रहे हैं. हम किसी को उकसाना या मामले को खींचना नहीं चाहते."

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