ईसागढ़ गांवों और खेतों पर लगे मोबाइल टावर चोरी किए जाने के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने टावर चोरी करने वाले 6 आरोपियों को न सिर्फ गिरफ्तार किया, बल्कि मोबाइल टावर का सामान भी वाहन सहित जब्त करने में सफलता प्राप्त की है। पुलिस के अनुसार चोर कपड़े बेचने का कार्य करने के दौरान मोबाइल टावरों की रैकी करते थे। इसके बाद वह अपने अन्य साथियों के साथ कंपनी के कर्मचारी बनकर आते और मोबाइल टावर का सामान खोलकर ले जाते थे। इस मामले की शिकायत शुक्रवार को की गई थी। पुलिस ने भी त्वरित कार्रवाई करते हुए टावर चोरों को 48 घंटे के भीतर ही सामान सहित दबोच लिया। 20 जनवरी को गुना निवासी एक निजी टॉवर कंपनी के एरिया मैनेजर गोविंद सिंह चौहान ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि ईसागढ़ थाना क्षेत्र के पिपरोद गांव में लगा निजी कंपनी का मोबाइल टावर चोरी हो गया है। इस अनोखी चोरी के मामले को पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदोरिया ने प्राथमिकता से लिया और एएसपी प्रदीप पटेल, चंदेरी एसडीओपी सुजीत सिंह भदोरिया, ईसागढ़ थाना प्रभारी दीप्ति सिंह तोमर के नेतृत्व में टीमों का गठन किया गया। पुलिस टीम ने जब अपने मुखबिर तंत्र को दौड़ाया तो सामने आया की झांसी हाईवे पर टावर के सामान से भरा एक ट्रक देखा गया है। इस पर थाना प्रभारी दीप्ति सिंह, एसआई जोगिंदर सिंह, एएसआई हरि सिंह तोमर, अंगद सिंह, पुष्पराज यादव, महेंद्र सिंह , मकबूल अली, रूपेंद्र तोमर, रामकुमार साहू, अंकेश और नीरज सक्सेना झांसी हाईवे पर पहुंचे। जहां ट्रक क्रमांक यूपी 78 सीएन 6899 में मोबाइल टावर का सामान मिला। मौके पर मौजूद लोगों से जब सामान के संबंध में पूछताछ की तो उन्होंने चोरी करना स्वीकार कर लिया। इस मामले में उत्तर प्रदेश के नंदीग्राम जिला अयोध्या निवासी संदीप पुत्र सत्य प्रकाश शर्मा, रघवीर जिलाअयोध्या निवासी नीलेश पुत्र राम सुंदर तिवारी, इस्माईलगंज लखनऊ निवासी अभिषेक पुत्र शिवानंद चौरसिया, जानीकला जिला मेरठ निवासी एहसान पुत्र युसूफ अली, सदर निवासी सोहेल पुत्र राशिद खान और चांदबेग पुत्र इंतजार बेग निवासी सदर को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 15 लाख रुपए कीमत का मोबाइल टावर का सामान और दो लाख रुपए नगदी भी जप्त किए है। बताया जाता है कि आरोपी पिपरौद गांव से मोबाइल टावर का सामान चुराकर बेचने के लिए लखनऊ ले जा रहे थे। पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया ने बताया कि आरोपियों में से कुछ लोग गांव गांव जाकर सस्ते कपड़े बेचने का कार्य करते थे। इसी दौरान वह मोबाइल टावर की लोकेशन अपने अन्य साथियों को भेजते थे। रैकी के दौरान ऐसे मोबाइल टावरों को चुना जाता था, जहां लोगों का आना जाना कम हो। इसके बाद सभी आरोपी कंपनी के कर्मचारी बनकर टावर का सामान खोलकर चोरी कर सस्ते दामों पर यूपी में बेच देते थे। एसपी ने चोरों को पकड़ने वाली टीम को पुरुष्कृत किए जाने की बात भी कही है। #suradailynews
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