भारत ने यूएन जनरल असेंबली में ग़ज़ा संकट पर लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.. जाने पुरी खबर

 

भारत ने यूएन जनरल असेंबली में ग़ज़ा संकट पर लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. प्रस्ताव ग़ज़ा में नागरिकों की सुरक्षा और वहां क़ानूनी और मानवीय क़दमों को जारी रखने के समर्थन में था. लेकिन भारत इस पर वोटिंग से दूर रहा.  दूसरी ओर भारत ने 'हमास के चरमपंथी हमले' की निंदा करने वाले कनाडा के संशोधित प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है. हालांकि दो तिहाई बहुमत न होने से यूएन जनरल असेंबली में ये ड्राफ्ट प्रस्ताव गिर गया. भारत के अलावा जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, इराक़, इटली, स्वीडन, यूक्रेन, ज़िम्बाब्वे जैसे देशों ने भी इसमें हिस्सा नहीं लिया.

भारत ने यूएन जनरल असेंबली में ग़ज़ा संकट पर लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया.

प्रस्ताव ग़ज़ा में नागरिकों की सुरक्षा और वहां क़ानूनी और मानवीय क़दमों को जारी रखने के समर्थन में था. लेकिन भारत इस पर वोटिंग से दूर रहा.

भारत ने यूएन जनरल असेंबली में ग़ज़ा संकट पर लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. प्रस्ताव ग़ज़ा में नागरिकों की सुरक्षा और वहां क़ानूनी और मानवीय क़दमों को जारी रखने के समर्थन में था. लेकिन भारत इस पर वोटिंग से दूर रहा.  दूसरी ओर भारत ने 'हमास के चरमपंथी हमले' की निंदा करने वाले कनाडा के संशोधित प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है. हालांकि दो तिहाई बहुमत न होने से यूएन जनरल असेंबली में ये ड्राफ्ट प्रस्ताव गिर गया. भारत के अलावा जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, इराक़, इटली, स्वीडन, यूक्रेन, ज़िम्बाब्वे जैसे देशों ने भी इसमें हिस्सा नहीं लिया.

दूसरी ओर भारत ने 'हमास के चरमपंथी हमले' की निंदा करने वाले कनाडा के संशोधित प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है.

हालांकि दो तिहाई बहुमत न होने से यूएन जनरल असेंबली में ये ड्राफ्ट प्रस्ताव गिर गया.

भारत के अलावा जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, इराक़, इटली, स्वीडन, यूक्रेन, ज़िम्बाब्वे जैसे देशों ने भी इसमें हिस्सा नहीं लिया.

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