संभाजीनगर का नाम रखने के लिए विरोध करते थे, वो बालासाहेब के वारिस हो सकते हैं क्या? आज उद्धव ठाकरे जी आपको शर्म आनी चाहिए

संभाजीनगर का नाम रखने के लिए विरोध करते थे, वो बालासाहेब के वारिस हो सकते हैं क्या? आज उद्धव ठाकरे जी आपको शर्म आनी चाहिए

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में एक रैली के दौरान प्रत्यक्ष तरीकें से एआईएमआईएम पर निशाना साधते हुए बोला कि समय आ गया है कि संभाजीनगर को 'नए निज़ाम' से मुक्त कराया जाए.

यहां से एआईएमआईएम के इम्तियाज़ जलील लोकसभा सांसद हैं.

अमित शाह ने बोला कि, "आज मैं संभाजीनगर आया हूँ. संभाजीनगर ने एक कसर छोड़ दी थी. देश के पहले गृह मंत्री लौह पुरुष भारत रत्न सरदार पटेल ने मराठावाड़ को निज़ाम के कुशासन से मुक्त कराया था और मजलिस को यहां से हटाने का काम किया था. हमारी छोटी सी ग़लती और आलस की वजह से फिर मजलिस बैठी है. संभाजीनगर वालों को ये कबूल है क्या?"

उन्होंने कहा, "आज इस सभा से संकल्प लेकर जाइए कि सरदार पटेल ने जो आज़ादी के बाद निज़ाम से मुक्ति दिलाई थी, इन नए निज़ामों को आप फिर से घर में बिठाकर उनकी जगह बताने का काम करेंगे. बालासाहेब ठाकरे को देश भर की जनता पलकों पर बिठाती है. मुझे बताओ कि संभाजीनगर का नाम रखने के लिए विरोध करते थे, वो बालासाहेब के वारिस हो सकते हैं क्या? आज उद्धव ठाकरे जी आपको शर्म आनी चाहिए कि आप जिनके पास बैठे हो, जिनके साथ बैठे हो, उन्होंने 370 हटाने का विरोध किया, सर्जिकल और एयरस्ट्राइक का विरोध किया. और औरंगबाद से संभाजीनगर की यात्रा को रोक कर रखा था."

पिछले साल आधिकारिक तौर पर औरंगाबाद जिले का नाम 'छत्रपति संभाजीनगर' किया गया.

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