रायसेन और भूपाल ज़िलो में गोंड ठाकुरो के 15 गढ़..

रायसेन और भूपाल ज़िलो में गोंड ठाकुरो के 15 गढ़..

जिले का दक्षिणी भाग लंबे समय तक गढ़ा-मंडला के गोंड प्रमुखों का था। ऐसा प्रतीत होता है कि स्कार्पियों के उत्तर में केवल मुगल साम्राज्य के मुहम्मडन सूबेदारों का कब्जा था। कहा जाता है कि इन दिनों जिले की पहाड़ियों को सुतमहला पंज हज़रल कहा जाता था, और दो चकलाओं में विभाजित किया गया था, जिनमें से एक में सीहोर और रायसेन के हिस्से शामिल थे। ताल, गिन्नूरगढ़, मर्दनपुर, शाहगंज, चैनपुर, शम्सगढ़ (भोपाल के दक्षिण में) और जगदीशपुर (भोपाल के उत्तर में) और दूसरा पूरी तरह से रायसेन जिले में स्थित है, अर्थात।, देवरी, उदेपुरा, बारी, बरेली और चांदपुर। चौकीगढ़ गोंडों का गढ़ था। ओपन फ्लिपबुक पार्ट 11. इंडियन एंटीक्वेरी, XIX, पृ.  352 और भोपाल स्टेट गजेटियर, पृ. 112। 101 09

इसमें चुनेहटिय़ा अलग से जोडा गया है ज़िसके वर्तमान राजा गोंड वंशी है..

(1). ताल, 
(2). गिन्नूरगढ़, 
(3). मर्दनपुर, 
(4). शाहगंज, 
(5). चैनपुर, 
(6). शम्सगढ़ (भोपाल के दक्षिण में) 
(7). जगदीशपुर (भोपाल के उत्तर में)
(8). देवरी, 
(9). उदेपुरा, 
(10). बारी, 
(11). बरेली 
(12). चांदपुर 
(13). चौकीगढ़ गोंडों का गढ़ था
(14). चुनेहटिय़ा 
(15). रायसेन.

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